एमएसएमई अग्रिमों का पुनर्गठन
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी अधिसूचना संदर्भ क्र. आरबीआई/2021-22/32 डीओआर.एसटीआर.आरईसी.12/21.04.048/2021-22 दिनांक 5 मई, 2021 के माध्यम से कोविड-19 महामारी के पुनरुत्थान से उत्पन्न अनिश्चितताओं को देखते हुए “रिज़ॉल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0” के अंतर्गत आस्ति वर्गीकरण को बिना डाउनग्रेड किए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के मौजूदा ऋणों के पुनर्गठन हेतु सुविधा के विस्तारण की अनुमति प्रदान की है।
भारतीय रिज़र्व बैंक की अधिसूचना दिनांक 05.05.2021 के अनुसार बैंक के निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित नीति के तहत रिज़ॉल्यूशन फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन के संबंध में बैंक द्वारा स्वीकृत नीति दिशानिर्देश निम्नानुसार हैं :
क. योजना के अंतर्गत मौजूदा एमएसएमई उधारकर्ता खातों का पुनर्गठन | |
पात्रता एवं प्रयोज्यता |
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ख. पूर्व में जारी एमएसएमई पुनर्गठन परिपत्रों के तहत पुनर्गठित किए गए एमएसएमई उधार खातों के संबंध में कार्यशील पूंजी स्वीकृत सीमाओं और/ या आहरण शक्ति की समीक्षा | |
पात्रता एवं प्रयोज्यता |
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कोविड-19 आर्थिक गिरावट के कारण इकाई दबावग्रस्त होनी चाहिए और समाधान योजना के अंतर्गत विचार करने के लिए व्यवहार्य होनी चाहिए। |
उपर्युक्त जानकारी एमएसएमई के लिए बैंक द्वारा कार्यान्वित रिजोल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 का सार है, जो आरबीआई/ बैंक के दिशानिर्देशों के अधीन हैं। ग्राहकों से अनुरोध है कि वे अधिक जानकारी के लिए अपनी शाखा से संपर्क करें।
सीसी ओडी सीमा के लिए प्रस्ताव सह स्वीकृति पत्र
सावधि ऋण के लिए प्रस्ताव सह स्वीकृति पत्र
10 लाख रुपये तक के एक्सपोजर के लिए मौजूदा टर्म लोन के लिए रिज़ॉल्यूशन फ्रेमवर्क के तहत पुनर्गठन के लिए आवेदन
10 लाख रुपये तक के एक्सपोजर के लिए मौजूदा सीसी ओडी ऋण के लिए संकल्प ढांचे के तहत पुनर्गठन के लिए आवेदन
10 लाख रुपये से अधिक और 25 करोड़ रुपये तक के अग्रिमों के पुनर्गठन के लिए आवेदन प्रारूप।