प्रधानमंत्री एम्प्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम (पीएमईजीपी)

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई मंत्रालय) ने वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक 5 वर्षों के लिए पीएमईजीपी योजना को जारी रखने की मंज़ूरी दे दी है। इस योजना का कार्यान्वयन केवीआईसी द्वारा किया जाता है जो राज्य स्तर पर नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है। संबंधित राज्य के राज्य निदेशक को बीएफएल के अंतर्गत योजना और गतिविधियों की निगरानी और कार्यान्वयन के अलावा विभिन्न बैठकों और कार्यशालाओं में भाग लेने के लिए अधिकृत किया गया है।

वित्त का परिमाण और प्रकृति:

  • मार्जिन मनी सब्सिडी:
  • बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज
     
पीएमईजीपी के अंतर्गत सहायता के स्तर
  1. नए सूक्ष्म उद्यम (इकाइयों) की स्थापना के लिए

    पीएमईजीपी के अंतर्गत लाभार्थियों की श्रेणियां (नए उद्यम स्थापित करने के लिए)

    लाभार्थी का योगदान (परियोजना लागत का)

    सब्सिडी की दर (परियोजना लागत का)

    क्षेत्र (परियोजना/इकाई का स्थान)

    शहरी

    ग्रामीण

    सामान्य श्रेणी

    10%

    15%

    25%

    विशेष श्रेणी (एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिलाएं, भूतपूर्व सैनिक, ट्रांसजेंडर, दिव्यांग, एनईआर, आकांक्षी जिले, पर्वतीय और सीमावर्ती क्षेत्र (सरकार द्वारा अधिसूचित सहित) आदि।

    05%

    25%

    35%

     नोट:
    • मार्जिन मनी सब्सिडी के लिए परियोजना/ इकाई की अधिकतम लागत

      1. विनिर्माण क्षेत्र: रु.50 लाख

      2. व्यवसाय/सेवा क्षेत्र: रु.20 लाख

    • बैंक द्वारा कुल परियोजना लागत की शेष राशि उपलब्ध कराई जाती है।
    • विनिर्माण और व्यवसाय/ सेवा क्षेत्र के लिए कुल परियोजना/ इकाई लागत क्रमशः रु.50 लाख और रु.20 लाख से अधिक होने पर शेष राशि बैंक द्वारा बिना किसी सरकारी सब्सिडी के प्रदान की जा सकती है।
       

  2. मौजूदा पीएमईजीपी/आरईजीपी/मुद्रा इकाइयों के उन्नयन के लिए दूसरा ऋण

    पीएमईजीपी के अंतर्गत लाभार्थियों की श्रेणियां (मौजूदा इकाइयों के उन्नयन के लिए)

    लाभार्थी का योगदान (परियोजना लागत का)

    सब्सिडी की दर (परियोजना लागत का)

    सभी श्रेणियां

    10%

    15% (पर्वतीय राज्यों और एनईआर में 20% )

    नोट:
    • उन्नयन के लिए मार्जिन मनी सब्सिडी के लिए परियोजना/ इकाई की अधिकतम लागत

      1. विनिर्माण क्षेत्र: रु.1.00 करोड़; अधिकतम सब्सिडी रु.15 लाख (एनईआर और पर्वतीय राज्यों के लिए रु.20 लाख) होगी।

      2. व्यवसाय/सेवा क्षेत्र: रु.25 लाख; अधिकतम सब्सिडी रु.3.75 लाख (पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों के लिए रु.5 लाख) होगी।

    • कुल परियोजना लागत की शेष राशि बैंक द्वारा प्रदान की जाती है।
    • विनिर्माण और व्यवसाय/ सेवा क्षेत्र के लिए कुल परियोजना/ इकाई लागत क्रमशः रु.1.00 करोड़ और रु.25 लाख से अधिक होने पर शेष राशि बिना किसी सरकारी सब्सिडी के बैंक द्वारा प्रदान की जा सकती है।
       

पात्र उधारकर्ता
  • कोई भी व्यक्ति, जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो।
  • पीएमईजीपी के अंतर्गत परियोजनाओं की स्थापना की सहायता के लिए कोई आय सीमा नहीं है।
  • विनिर्माण क्षेत्र में रु.10 लाख से अधिक और व्यवसाय/ सेवा क्षेत्र में रु 5 लाख से अधिक लागत  वाली परियोजना की स्थापना के लिए कम से कम आठवीं कक्षा उत्तीर्ण शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए।
  • केवल नई परियोजनाएँ
  • मौजूदा इकाइयाँ (पीएमआरवाई, आरईजीपी या भारत सरकार या राज्य सरकार की कोई अन्य योजना) और वे इकाइयाँ पात्र नहीं हैं, जिन्होंने पहले ही भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी अन्य योजना के अंतर्गत सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाया है।
  • पूंजीगत व्यय के बिना परियोजनाएं पात्र नहीं हैं।
  • परियोजना लागत में भूमि की लागत शामिल नहीं है।
  • इस योजना के अंतर्गत एक परिवार से केवल एक व्यक्ति (स्वयं और पति/पत्नी) पात्र है।  
  • सीमा: प्रारंभिक स्थगन अवधि के बाद 3 से 7 वर्ष तक।
  • एमएसएमई के लिए: आरएलएलआर लिंक्ड है।
  • गैर एमएसएमई के लिए: आरएलएलआर और एमसीएलआर (गतिविधियों के आधार पर) लिंक्ड है।