Azadi ka Amrit Mahatsav

स्व सहायता समूहों को वित्तपोषण

स्व सहायता समूहों (SHGs) को वित्तपोषण)

सुविधा का प्रकार

नकद ऋण और मीयादी ऋण

उद्देश्य

  • SHG द्वारा तैयार माइक्रो क्रेडिट प्लान (MCP) के आधार पर सदस्यों के बीच ऋण राशि वितरित की जाएगी।
  • ऋण का उपयोग सामाजिक आवश्यकताओं को पूरा करने, उच्च लागत ऋण स्वैपिंग, घर के निर्माण या मरम्मत, शौचालय का निर्माण तथा एसएचजी के भीतर वैयक्तिक सदस्यों द्वारा स्थायी निर्माण और स्थायी आजीविका लेने या एसएचजी द्वारा शुरू की गई किसी भी व्यवहार्य सामान्य गतिविधि को वित्त करने के लिए किया जा सकता है।
  • एसएचजी सदस्यों की आजीविका बढ़ाने के लिए ऋणों के उपयोग की सुविधा के लिए, यह सलाह दी जाती है कि रु.2 लाख से अधिक के ऋणों का कम से कम 50% और रु.4 लाख से अधिक के 75% ऋणों का उपयोग मुख्य रूप से आय सृजन उत्पादक उद्देश्यों के लिए किया जाए। SHG द्वारा तैयार किया गया माइक्रो क्रेडिट प्लान (MCP) ऋण के उद्देश्य और उपयोग के निर्धारण का आधार बनेगा।

पात्रता

  • एसएचजी की खाता बही के अनुसार एसएचजी कम से कम पिछले 6 महीनों से सक्रिय अस्तित्व में होना चाहिए और बचत खाता खोलने की तारीख से नहीं।
  • SHG को पंचसूत्रों अर्थात् नियमित बैठकें; नियमित बचत; नियमित अंतर-ऋण; समय पर पुनर्भुगतान; और अद्यतित खाता बही का अभ्यास करना चाहिए;
  • नाबार्ड द्वारा निर्धारित ग्रेडिंग मानदंडों के अनुसार योग्य। जब और जैसे एसएचजी फेडरेशन अस्तित्व में आते हैं, तो फेडरेशन द्वारा बैंकों का समर्थन करने के लिए ग्रेडिंग कार्यवाही की जा सकती है।
  • मौजूदा अयोग्य SHG ऋण के लिए भी पात्र हैं, अगर वे पुनर्जीवित होते हैं और न्यूनतम 3 महीने की अवधि के लिए सक्रिय जारी रहते हैं।

सीमा/ ऋण प्रमात्रा

  • DAY-NRLM के अंतर्गत सहयोग की बहुविध सहायता पर जोर दिया गया है। इसका मतलब यह होगा कि ऋण की बार-बार सहायता के माध्यम से एक एसएचजी को सहयोग से, उन्हें स्थायी आजीविका लेने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए उच्च मात्रा में ऋण प्राप्त करने में सक्षम बनाना।
  • SHGs मीयादी ऋण (TL) या नकद ऋण सीमा (CCL) ऋण या दोनों जरूरत के आधार पर ले सकते हैं। आवश्यकता के मामले में, पिछले ऋण के बकाया होने पर भी अतिरिक्त ऋण स्वीकृत किया जा सकता है
 

RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार, विभिन्न सुविधाओं के तहत ऋण की राशि इस प्रकार होनी चाहिए:

नकद ऋण सीमा (CCL):

सीसीएल के मामले में, शाखाओं को प्रत्येक पात्र एसएचजी को वार्षिक आहरण अधिकार (डीपी) के साथ 5 साल की अवधि के लिए न्यूनतम 5 लाख रुपये का ऋण मंजूर करना चाहिए। एसएचजी के पुनर्भुगतान निष्पादन के आधार पर वार्षिक आहरण अधिकार बढ़ाया जा सकता है। आहरण अधिकार की गणना निम्नानुसार की जा सकती हैः

  • पहले वर्ष हेतु डीपी: मौजूदा कॉर्पस का 6 गुना या न्यूनतम 1 लाख रुपये जो भी अधिक हो।
  • दूसरे वर्ष के लिए डीपी: समीक्षा/ संवर्धन के समय में कॉर्पस का 8 गुना या न्यूनतम रु.2.00 लाख, जो भी अधिक हो
  • तीसरे वर्ष के लिए डीपी: एसएचजी द्वारा तैयार माइक्रो क्रेडिट योजना के आधार पर न्यूनतम रु.3 लाख और फेडरेशंस / सपोर्ट एजेंसी और पिछले ऋण इतिहास द्वारा मूल्यांकन।
  • चौथे वर्ष के लिए डीपी: एसएचजी द्वारा तैयार माइक्रो क्रेडिट योजना के आधार पर न्यूनतम रु.5 लाख और फेडरेशंस / सपोर्ट एजेंसी और पिछले ऋण इतिहास द्वारा मूल्यांकन।
 

मीयादी ऋण:

सावधि ऋण के मामले में, शाखाओं को सलाह दी जाती है कि वे नीचे बताए अनुसार अंशों में ऋण राशि मंजूर करें :-

  • पहला अंश: मौजूदा कॉर्पस का 6 गुना या न्यूनतम 1 लाख रुपये जो भी अधिक हो।
  • दूसरा अंश: समीक्षा/ संवर्धन के समय में कॉर्पस का 8 गुना या न्यूनतम रु.2.00 लाख, जो भी अधिक हो
  • तीसरा अंश: एसएचजी द्वारा तैयार माइक्रो क्रेडिट योजना के आधार पर न्यूनतम रु.3 लाख और फेडरेशंस / सपोर्ट एजेंसी और पिछले ऋण इतिहास द्वारा मूल्यांकन।
  • चौथा अंश: एसएचजी द्वारा तैयार माइक्रो क्रेडिट योजना के आधार पर न्यूनतम रु.5 लाख और फेडरेशंस / सपोर्ट एजेंसी और पिछले ऋण इतिहास द्वारा मूल्यांकन।

मार्जिन और प्रतिभूति

  • एसएचजी को 10 लाख रुपये की सीमा तक ऋण के लिए कोई संपार्श्विक और कोई मार्जिन नहीं लिया जाएगा। एसएचजी के बचत बैंक खाते के समक्ष किसी भी ग्रहणाधिकार को चिह्नित नहीं किया जाना चाहिए और ऋण मंजूर करते समय कोई जमाराशि पर जोर नहीं देना चाहिए।

ब्याज दर

एकल एसएचजी के लिए - 1 वर्ष एमसीएलआर + बीएसएस @0.50% + 3.25% ; वर्तमान दर : 11.05%

फेडरेशन/ एनजीओ के लिए - 1 वर्ष एमसीएलआर + बीएसएस SS @0.50% + 2.75% ; वर्तमान दर: 10.55%

पुनर्भुगतान

  • ऋण का प्रथम वर्ष / पहला अंश मासिक / त्रैमासिक किश्तों में 6-12 महीनों में चुका दिया जाएगा
  • ऋण का दूसरा वर्ष / दूसरा अंश मासिक / त्रैमासिक किश्तों में 12-24 महीनों में चुका दिया जाएगा
  • ऋण का तीसरे वर्ष / तीसरा अंश मासिक / त्रैमासिक किश्तों में 24-36 महीने में चुकाया जाएगा
  • मासिक / त्रैमासिक किश्तों में नकदी प्रवाह के आधार पर चौथे वर्ष / चौथे अंश के बाद के ऋण को 3-6 वर्षों के बीच चुकाना पड़ता है।
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