Azadi ka Amrit Mahatsav

हमारे बारे में

हमारी उत्पत्ति

बैंक ऑफ महाराष्ट्र का औपचारिक पंजीकरण पुणे में दूरदृष्टाओं के एक समूह द्वारा रु.10 लाख की प्राधिकृत पूंजी के साथ दिनांक 16 सितंबर 1945 को आम आदमी, जो उस समय तक बैंकिंग प्रणाली द्वारा उपेक्षित किया जा रहा था, की सेवा के उद्देश्य से किया गया

लक्ष्य

  • ग्राहक की अपेक्षाओं के अनुसार तत्परता से योग्य प्रतिक्रिया देना
  • समाज के विभिन्न वर्गों की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु नवोन्मेषी उत्पाद व सेवाएं प्रदान करना
  • सतत आधार पर आधुनिकतम तकनीकी को अपनाना
  • तत्पर व्यावसायिक और समर्पित कार्यबल का निर्माण करना
  • सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों और कॉर्पोरेट गवर्नेंस के माध्यम से शेयरधारकों की आय में वृद्धि करना
  • शाखा नेटवर्क के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय परिवेश में प्रवेश करना

दूरदर्शिता

समाज के विविध वर्गों की सेवा करने वाला एक जीवंत, दूरंदेशी, तकनीकी-प्रेमी, ग्राहक केंद्रित बैंक बनना, वैश्विक उपस्थिति की ओर बढ़ते हुए शेयरधारकों और कर्मचारियों के मूल्य को बढ़ाना।

______________________________________________________

बैंक को आम आदमी का समर्थन और संरक्षण मिलता रहा हैं। अपनी स्थापना के बाद से, बैंक का ध्यान छोटे व्यवसाय उद्यमों, व्यापारियों, स्वरोजगार और आमतौर पर प्राथमिकता क्षेत्र के रूप में जाना जाने वाले अन्य लोगों की सहायता के लिए रहा है।

उपलब्धियां

1936-दिनांक 8 फरवरी को व्यवसाय का आरंभ।
1945-जमाराशियों ने रु.1.00 करोड सीमा पार की।
1946-महाराष्ट्र एक्जिक्यूटर एंड ट्रस्टी कंपनी (मेटको) की स्थापना।
1958-मुंबई स्टॉक एक्स्चेंज पर सूचीबद्ध।
1969-193 शाखाओं सहित बैंक का राष्ट्रीयकरण।
1976-प्रथम क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) – मराठवाडा ग्रामीण बैंक की स्थापना जिसका मुख्यालय नांदेड में है। बैंक राज्य स्तरीय बैंकर समिति (एसएलबीसी) का संयोजक नामित किया गया।
1979-बैंक के व्यवसाय ने रु.1,000/- करोड सीमा पार की।
1980-नरीमन पॉइंट, मुंबई में बैंक की 500वीं शाखा का भारत की तत्कालीन पंतप्रधान श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा उद्घाटन किया गया।
1981-दूसरे आरआरबी औरंगाबाद-ज–की स्थापना, भारतीय रिजर्व बैंक के तत्कालीन गवर्नर श्री मनमोहन सिंह द्वारा स्वर्ण जयंती समारोहों का शुभारंभ
1986-तीसरे आरआरबी की स्थापना - "ठाणे ग्रामीण बैंक"|
1987-इंदिरा वसाहत, पुणे में बैंक की 1000वीं शाखा का महाराष्ट्र राज्य के तत्कालीन राज्यपाल श्री शंकर दयाल शर्मा के कर कमलों से उद्घाटन किया गया।
2004-बैंक ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (पेशकश/प्रस्ताव) लाया।
2006-एटीएम एवं अंतरर्राष्ट्रीय डेबिट कार्ड का प्रारंभ किया। बैंक एश्योरेन्स व्यवसाय का आरंभ। म्युच्युअल फंड उत्पादों के वितरण का प्रारंभ। रु.50,000/- करोड के लैण्डमार्क व्यवसाय को पार किया।  दिनांक 13 नवंबर को कर्वेनगर, पुणे में पहली सीबीएस शाखा का आरंभ।
2010-बैंक ने प्लैटिनम जुबली वर्ष में प्रवेश किया। भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटील द्वारा प्लैटिनम जुबली वर्ष समारोह का पुणे में उद्घाटन।  देशभर में 345 एटीएम सहित शाखा नेटवर्क 1453 हो गया। कुल व्यवसाय रु. एक लाख करोड से पार हो गया। 100% सीबीएस प्राप्त किया गया। नए सेवा सुपुर्दगी चैनलों, यथा 3 रिटेल क्रेडिट हब और 5 आस्ति वसूली शाखाएं खोली गईं।
2011-77वें स्थापना दिवस के अवसर पर माननीय वित्त मंत्री, श्री प्रणव मुखर्जी द्वारा 5 विशेषज्ञ शाखाओं को एसएचजी हेतु समर्पित किया गया तथा 5 मिड-कार्पोरेट शाखाएं खोली गई।
2012-बैंक का कुल व्यवसाय रु.1,50,000/- करोड की सीमा पार कर गया, 1638 शाखाएं, 505 एटीएम, कुल व्यवसाय रु.1,51,320 करोड। दिनांक 24 और 25 दिसंबर 2012 को बैंक द्वारा बैंकॉन 2012 का आयोजन किया गया, केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री पी. चिदंबरम द्वारा सम्मेलन का उद्घाटन किया गया।
2013-दिल्ली में श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा रु-पे कार्ड का प्रारंभ किया गया। दिनांक 15 अगस्त 2013 को 50 नई शाखाएं खोली गई। कुल व्यवसाय रु.2.00 लाख करोड पार कर गया।
2014-एक ही वर्ष में सबसे अधिक संख्या में 162 नई शाखाएं खोलते हुए शाखा नेटवर्क 1890 शाखाओं का हुआ। 1129 एटीएम की स्थापना करते हुए इनकी कुल संख्या 1827 हो गई। बैंक का अपना ईएफटी स्विच लागू किया गया।
2015-26 नई शाखाएं खोली गई जिससे शाखा नेटवर्क 1898 पर पहुंच गया। “महामोबाईल”- मोबाईल बैंकिंग एप्लिकेशन का आरंभ। बैंक के डाटा सेंटर, डीआर केंद्र, पीएमओ और प्रधान कार्यालय के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के लिए आईएसओ 27001:2013 प्रमाणन प्राप्त।
2016-बैंक ने रु.2.50 लाख करोड़ का व्यवसाय स्तर पार किया। इंटरनेट बैंकिंग के लिए एड ऑन एप्लिकेशन “महासिक्योर” का कार्यान्वयन, इसके कारण कोई भी फिशिंग हमला रिपोर्ट नहीं किया गया। आईबीए-बैंकिंग टेक्नॉलॉजी द्वारा “सर्वश्रेष्ठ वित्तीय समावेशन पहल” का अवार्ड प्राप्त।