Azadi ka Amrit Mahatsav

डीमैट सेवाएं

उपलब्ध सेवाएं

1999 से बैंक ऑफ महाराष्‍ट्र सीडीएसएल का सदस्‍य है (Depository Participant) ।

शेयर/ ऋणपत्र/ बॉण्‍ड्स/ वाणिज्यिक पत्र/ यूटीआई यूनिट (जिन्‍हें प्रतिभूति भी कहा जाता है) को इलेक्‍ट्रानिक रूप में (Dematerialized form) में धारित करने/ उनका अंतरण करने/ उनको बंधक रखने की सेवाएं बैंक दे रहा है।

वस्तु विनिमय (कमॉडिटी एक्‍सचेंज) का कोई सौदा नहीं किया जाएगा।

कार्य

  • प्रतिभूति का भौतिक रूप में डिमटेरियलाइज़ (इलेक्‍ट्रानिक रूप में परिवर्तन) ।
  • डीमैट खाते के रूप में रखी गई प्रतिभूतियों का रिमटेरियलाइजेशन ।
  • डीमैट खातों के माध्‍यम से सुपुर्दगी करना ।
  • किसी अन्‍य खाते से अंतरित होने पर डीमैट खातों में जमा करना ।
  • खाते के पते में परिवर्तन/ बैंक खाते के विवरणों में परिवर्तन/ नामांकन/ मुख्‍तारनामे में परिवर्तन के लिए संशोधन ।
  • ऐसे खाते जहां प्रतिभूतियां गिरवीकर्ता के खाते में है किंतु जिन्‍हें गिरवीदार के पक्ष में रोका हुआ है वहां प्रतिभूतियों को गिरवी रखना या गिरवी से मुक्‍त करना। गिरवी रखने के लिए गिरवीकर्ता और गिरवीदार, दोनों का खाता सीडीएसएल में होना चाहिए। गिरवीकर्ता और गिरवीदार के खाते अलग अलग डिपोजट्री पार्टीसिपेटस में हो सकते है।
  • खातों या विशेष प्रतिभूतियों का फ्रीज/ अनफ्रीज ।

सुविधाएं

  • ग्राहकों के अनुदेशों के अंतर्गत खातों को नामे करने की सुविधा ।
  • ऑनलाइन अंतर निक्षेपागार अंतरण तत्‍काल आधार पर अनुमत है अर्थात आदेशों के प्रसंस्करण के कुछ ही क्षणों में।
  • जमा रसीदें स्‍वालित होती है। जमा प्राप्‍त करने हेतु कोई अनुदेश आवश्‍यक नहीं है। हालांकि यदि ग्राहक चाहे तो स्‍वचलित जमा प्राप्ति को अवरुद्ध करा सकता है और केवल अनुदेशों के अंतर्गत ही जमा प्रभावी किया जा सकता है ।
  • बैंक से ऋण लेने हेतु प्रतिभूतियों को गिरवी रखा जा सकता है। इस पद्धति के अंतर्गत, प्रतिभूतियां गिरवीकर्ता के खाते में होती है तथा गिरवीदार (बैंक) के पक्ष में उन्‍हें रोका जाता है। गिरवीदार (बैंक शाखा) के अनुदेश पर, प्रतिभूतियां गिरवीदार के खाते में जारी (गिरवी मुक्‍त) या अंतरित (जब्‍त) की जा सकती है। गिरवी रखने के दौरान गिरवीकर्ता द्वारा लाभांशों/ बोनस के सभी नियमित लाभ आदि उठाए जा सकेंगे
  • नामे या जमा के लिए या दोनों ही के लिए प्रतिभूतियों पर रोक लगाई जा सकती है ।
  • जीवित धारक (कों) या नामित सभी धारकों की मृत्‍यु की स्थिति में प्रतिभूतियों का अंतरण करना (मृत्‍यु दावा निपटान) स्‍वीकार्य है।
  • खाते व प्रतिभूति अंतरण की स्थिति, एसएमएस द्वारा सूचित करने की सुविधा उपलब्‍ध है।
  • इंटरनेट द्वारा खाते की स्थिति देखने हेतु "इएएसआई" (ईजी) नामक सुविधा नि:शुल्‍क उपलब्‍ध है ।
  • ई-टोकन (डिजिटल हस्‍ताक्षर प्रमाणपत्र) की सहायता से सुपुर्दगी के व्‍यवहार "इएएसआईइएसटी" (Electronic Access to Security Information & Execution of Security Transactions) नामक सुविधा मामूली शुल्‍क पर उपलब्‍ध है ।
  • व्यवहार-सह-धारण विवरण उन खातों में भेजा जाता है जिन खातों में माह के दौरान व्यवहार हुए हों। सभी खातों को धारण के तिमाही विवरण भेजे जाते हैं ।
  • लाभांश सीधे ही बैंक खाते में जमा किए जाते हैं। (जैसा डीमैट खाते में उल्लिखित है।)
  • बैंक खाते में निर्दिष्‍ट प्रभार के अनुसार सीधे ही डीमैट सेवा प्रभार वसूल किए जाते हैं ।
  • सुपुर्दगी निर्देश पर्चियां नजदीकी बैंक शाखा जहां बैंक खाता है, में जमा की जा सकती हैं ।
  • फैक्‍स पर भेजी गई क्षतिपूर्ति (रु. 200/- स्‍टैम्‍प) अनुदेश पर्ची का निष्पादन एक बार किया जा सकता है, किन्तु मूल प्रति दो दिनों के प्रस्तुत करना आवश्यक है।

डीमैट खाता कौन खोल सकता है

निम्‍नलिखित श्रेणियों के व्‍यक्ति डीमैट खाता खोल सकते हैं :

व्‍यक्ति/ एचयूएफ/ एनआरआई/ निगमित संस्‍थान/ पंजीकृत सोसाइटी/ पंजीकृत ट्रस्‍ट/ मान्‍यता प्राप्‍त निधियां (ग्रॅच्‍यूएटी फंड)/ सेवानिवृत्ति निधि, जोखिम पूंजी निधि आदि)/ विदेश संस्‍थागत निवेक / समुद्रपारीय कार्पोरेट निकाय/ बैंक/ म्‍चुयुअल फंड/ व्‍यक्तियों की संस्‍था/ विदेशी/ निकासी सदस्‍य (ब्रोकर) ।

  • डीमैट खाते प्रोपराइटर फर्म / साझेदारी फर्म / अपंजीकृत सोसाइटी / अपंजीकृत ट्रस्‍ट के नाम पर नहीं खोले जा सकते ।
  • एचयूएफ / अवयस्‍क के नाम से डीमैट खाता, पहले और एकमात्र धारक के रूप में खोला जा सकता है । अन्‍यों के साथ संयुक्‍त खाते स्‍वीकृत नहीं होंगे ।
  • संयुक्‍त खाते अधिकतम तीन धारकों के नाम पर खोले जा सकते हैं ।
  • महाबैंक डीपी के साथ एक डीमैट खाता खोलने व बनाए रखने हेतु आवेदक का कोर बैंकिंग वाली बैंक ऑफ महाराष्‍ट्र की शाखा में एक खाता होना चाहिए ।
  • एक अनिवासी भारतीय प्रत्‍यावर्तन या अ-प्रत्‍यावर्तन आधार पर एक डीमैट खाता खोल सकता हैं। अ-प्रत्‍यावर्तन आधार हेतु देशी पता व एनआरओ बैंक का संदर्भ खाता नंबर आवश्‍यक है।

डीमैट सेवाओं हेतु उपलब्‍ध चैनल

  • बैंक की किसी भी कोर बैंकिंग शाखा में, जहां बैंक खाता है, यह सेवाएं उपलब्‍ध हैं ।
  • ग्राहक, मूल शाखा पर खाते की स्थिति संबंधित प्रश्‍न, आवेदन फॉर्म को प्राप्‍त करना, अनुदेशों व आवेदनों को प्राप्‍त करने की सुविधा प्राप्‍त कर सकता है ।
  • योजना के अनुपालन के संदर्भ में पूछताछ, महाबैंक सुविधा केंद्र पर सुबह 7 से रात्रि 11 बजे तक 022-22625754 / 22611196 संपर्क नंबरों पर उपलब्‍ध है ।
  • जानकारी डीमैट केंद्र, पुणे से निम्नलिखित पते पर उपलब्‍ध है
    बैंक ऑफ महाराष्‍ट्र,
    डीमैट सेल,
    तीसरी मंजिल, 'जनमंगल', 1177 बाजीराव रोड,
    बुधवर पेठ, पुणे 411002।
    संपर्क नंबर : 020-24504004, 020-24504014
    ई-मेल पता: demat_mum@mahabank.co.in

खाता खोलने हेतु जमा किए जाने वाले दस्‍तावेज तथा जानकारी

  • सभी संयुक्‍त धारकों के पैन कार्ड प्रतिलिपि ।
  • यदि पैन कार्ड प्रतिलिपि बिना फोटो की हो या वह पर्याप्‍त न हो तो अन्‍य पहचान पत्र प्रस्‍तुत करें ।
  • पत्राचार पते का प्रमाण (प्रथम धारक), सभी संयुक्‍त धारकों के स्‍थायी पते (यदि पत्राचार पते से भिन्‍न हो)
  • यदि खाता बैंक ऑफ महाराष्‍ट्र में नहीं है, तो लाभांश बैंक खाते के विवरण का प्रमाण।
  • डी मैट प्रभारों की वसूली हेतु सशुल्‍क बैंक खाते का ब्‍यौरा (बैंक ऑफ महाराष्‍ट्र का खाता होना चाहिए) निर्दिष्‍ट बैंक खाते पर नामे प्रभार का आश्‍वासन बैंक खाते के सभी धारकों द्वारा हस्‍ताक्षरित होना चाहिए ।
  • धारकों की फोटो (फोटो, धारकों द्वारा क्रास हस्‍ताक्षर करके लगाई गई है।)
  • प्रथम धारक के वित्तीय स्थिति की सूचना (आय वर्ग) ।
  • आवेदक के गठन के अनुसार अन्‍य आवश्‍यक दस्‍तावेज ।
  • हस्‍ताक्षर के साथ नामांकन विकल्‍प (हां या नहीं) । यदि हां तो एक गवाहों के साथ नामांकित व्‍यक्तियों का विवरण ।
  • डीमैट खाते के नामित व्‍यक्ति या धारक के रूप में व्‍यक्ति का जन्‍म प्रमाणपत्र ।

निम्‍न में से कोई एक पहचान प्रमाण होना चाहिए :

  • फोटो के साथ पैन कार्ड
  • मतदाता पहचानपत्र
  • ड्रा‍इविंग लाइसेंस,
  • पासपोर्ट,
  • सरकार / सांविधिक प्राधिकारियों / पीएसयू / अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक / सार्वजनिक वित्तीय संस्‍थान / विश्‍वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालय / व्‍यावसायिक निकाय जैसे आईसीएआई, आईसीडब्‍ल्‍यूएआई, बार काउंसिल इत्‍यादि द्वारा जारी फोटो सहित पहचानपत्र / दस्‍तावेज ।

निम्‍न में से कोई एक पते का प्रमाण होना चाहिए:

  • पासपोर्ट
  • मतदाता पहचानपत्र,
  • ड्राइविंग लाइसेंस,
  • राशन कार्ड,
  • बैंक की पासबुक,
  • इलेक्ट्रिक बिल / लैण्‍डलाइन आवास टेलीफोन बिल की प्रतिलिपि जो 2 महीने से अधिक पुरानी न हो ।
  • लीव एंड लाइसेंस एग्रीमेंट / एग्रीमेंट फॉर सेल
  • उच्‍च न्‍यायालय या सर्वोच्च न्यायालय जज द्वारा स्‍वयं की खाते की जानकारी देते हुए स्‍व घोषणा ।
  • उपरोक्‍त मद (v) में उल्लेखित संस्‍थानों द्वारा जारी पते सहित पहचान पत्र
  • बैंक प्राधिकारी द्वारा हस्‍ताक्षरित तथा मोहर लगाकर प्रमाणित किया गया बैंक विवरण (बैंक अधिकारी का नाम व पता तथा बैंक की शीर्ष पत्र पर मुद्रित अवधि के दौरान बैंक संव्यवहार दर्शाता विवरण) ।
    या
  • बैंक अधिकारी द्वारा बैंक स्‍टेशनरी/ लेटर हेड पर छपी हुए/ कंप्‍यूटर जनित विवरण की स्‍व प्रमाणित मूल प्रति व उपर दिए गए ब्‍यौरे के साथ-साथ ही बैंक खाते से संबंधित निरस्‍त चेक (मूल रूप में) उपरोक्‍त मद (x) व (xi) में दिए गए ऐसे विवरण 2 तिमाही से अधिक पुराने नहीं होना चाहिए ।
  • आयकर रिटर्न की पावती ।

विविध

  • प्रत्‍येक प्रचालन हेतु ग्राहक का डीमैट खाता तथा सुरक्षा आईडी सक्रिय होनी चाहिए ।
  • खाता खोलने के पश्‍चात, खाताधारक को सुपुर्दगी अनुदेश पर्ची पुस्तिका के साथ, खाते के विवरण का पत्र पत्राचार के पते पर सीधे भेज दिया जाएगा । यदि 15 दिन में कोई पत्र प्राप्‍त नहीं होता है तो आवेदक शाखा या डीमैट कक्ष में संपर्क करें ।
  • आवेदन जमा करने की स्‍वीकृति देने से पूर्व, शाखा अधिकारी द्वारा प्रमाण व आवेदन पत्र नाम व हस्‍ताक्षर कोड के साथ सत्‍यापित किया जाए ।
  • पता / संपर्क नंबर / बैंक खाता विवरण / मुख्‍तारनामा धारक / नामिति विवरण में संशोधन नए विवरण के साक्ष्य के साथ किए जा सकते हैं । यद्यपि एक डीमैट खाते के नाम या धारकों का क्रम कभी भी बदले नहीं जा सकते। किसी एक संयुक्‍त धारक की मृत्‍यु होने पर, धारित पूंजी / जमा पूंजी जीवित धारक या नामित (सभी धारकों की मृत्‍यु पर) के नाम पर नए खाते में अंतरित हो जाएगी ।
  • नामांकन केवल व्‍यक्ति हेतु है (एकल या संयुक्‍त) तथा केवल एक नामिति की अनुमति है।
  • संयुक्‍त खाते में प्रत्‍येक प्रक्रिया या आदेश संयुक्‍त रूप से ही होगा ।
  • डीमटेरियलाइजेशन हेतु लॉक-इन-शेयर स्‍वीकृत है ।
  • लॉक-इन-शेयर, गिरवीकरण हेतु स्‍वीकृत है किंतु लॉक-इन अ‍वधि की समाप्ति से पूर्व गिरवीदार के खाते में अंतरित नहीं हो सकते ।

कृपया नोट करें

  • आईपीओ की सदस्यता लेने के दौरान निवेशकों द्वारा चेक जारी करने की आवश्यकता नहीं है। आवंटन के मामले में भुगतान करने के लिए अपने बैंक को अधिकृत करने के लिए केवल आवेदन पत्र में बैंक खाता क्रमांक लिखें और हस्ताक्षर करें। धन वापसी की कोई चिंता नहीं है क्योंकि पैसा निवेशक के खाते में रहता है।
  • प्रतिभूति बाजार में काम करने के दौरान केवाईसी एक समय का कार्य है - सेबी पंजीकृत इंटरनेशनल (ब्रोकर, डीपी, म्यूचुअल फ़ंड आदि) के माध्यम से एक बार केवाईसी हो जाने पर आपको दूसरे मध्यस्थ से संपर्क करते समय पुनः उसी प्रक्रिया से गुज़रना नहीं पड़ता है।

प्रभार

दिनांक (01.02.2016) को लागू डीमैट सेवाओं के लिए प्रभार (सेवाकर को छोड़कर) निम्नानुसार हैं :

प्राइवेट / पब्लिक ट्रस्ट

विवरणप्रभार
स्टांप शुल्क सहित दस्तावेज़ीकरणवर्तमान में
डिमटेरियलाइजेशन प्रभारप्रति प्रमाणपत्र रु. 2, प्रति अनुरोध न्यूनतम रू. 25/-
संव्यवहार (सेल/ डेबिट)न्यूनतम रु. 25 के अधीन 0.03% मूल्य और अधिकतम रू.500/-
महा ई-ट्रेड ऑनलाइन ट्रेडिंग ग्राहक के लिए प्रति संव्यवहार फ्लैट शुल्क रू.10/-
गिरवीप्रति आईएसआईएन (गिरवीदाता) रु. 60, प्रति आईएसआईएन (गिरवीदार) रु. 40
अनप्लेजप्रति आईएसआईएन (गिरवीदाता) रु.30/-
प्रति आईएसआईएन (गिरवीदार) रु. 20/-
प्लेज इनवोकेशनप्रति संव्यवहार रु. 40/-
रीमटेलियलाइजेशन/
पुनर्खरीद
प्रति संव्यवहार रु. 30/-
विफल संव्यवहारप्रति संव्यवहार रु. 25/-
विलंब संव्यवहारप्रति संव्यवहार रु. 20/-
डीमैट/ अन्य मेल प्रभारवर्तमान न्यूनतम रू. 25/- प्रति संव्यवहार
फ्रीज/ अनफ़्रीज प्रभारप्रति संव्यवहार रू. 50/-
वार्षिक रख-रखाव प्रभाररू.500/- प्रति वर्ष (व्यक्ति/ एनआरआई/ एचयूएफ ट्रस्ट के लिए), मौजूदा/ सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए रू.150/- प्रति वर्ष, अग्रिम में देय अन्य के लिए रू.1,000/- प्रति वर्ष।
रॉयल बचत खाता के लिए प्रथम वर्ष हेतु नि:शुल्क
1 वर्ष के लिए एएमसी नि:शुल्क और वर्ष 2 से पर्पल बचत खाता के लिए एएमसी में 50% छूट

निवेशक चार्टर ई-वोटिंग